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Mission 2024: कांग्रेस सहयोगी दल पार्टी को नहीं देना चाहती ज्यादा सीटें 

 

सत्य खबर नई दिल्ली: Mission 2024: Congress does not want to give more seats to its ally party.

भारत में विपक्षी दलों के गठबंधन में सीट बंटवारे का मुद्दा लगातार गरमाया हुआ है. कई राज्यों में कांग्रेस बेहद मुश्किल स्थिति में नजर आ रही है क्योंकि क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस को कमजोर बताकर ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हैं. पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली में सीट बंटवारे का मामला पहले से ही उलझा हुआ है और बिहार में तो राजद ने भी कांग्रेस को आंख दिखानी शुरू कर दी है. बिहार में राजद कांग्रेस को सिर्फ चार सीटें देने की बात कर रही है.

 

विभिन्न राज्यों में कांग्रेस नेता अन्य सहयोगी दलों द्वारा रखी गई इस शर्त से खासे नाराज हैं, लेकिन एक ही गठबंधन में होने के कारण वे खुलकर बयान देने से बच रहे हैं. कहा जा रहा है कि सीट बंटवारे के मुद्दे पर जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ेगी, मतभेद खुलकर सामने आएंगे. इस मसले को सुलझाना कांग्रेस आलाकमान के लिए भी आसान नहीं माना जा रहा है.

 

राजद सिर्फ चार सीटें देने को तैयार है

 

जानकार सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल बिहार में सहयोगियों को सिर्फ 6 सीटें देने को तैयार है. राजद ने इस संबंध में कांग्रेस को जानकारी दे दी है. दरअसल, राजद और जदयू राज्य की 17-17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में केवल छह सीटें ही बची हैं जो सहयोगी दलों को दी जा सकती हैं. राजद ने कहा है कि इनमें से दो सीटें सीपीआई और सीपीआई-एमएल को दी जाएंगी. ऐसे में कांग्रेस को बिहार में सिर्फ चार सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है.

 

यूपी में सपा ने कांग्रेस को उलझाया

 

उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीटों को लेकर कोई तालमेल बनता नहीं दिख रहा है. राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं लेकिन समाजवादी पार्टी इनमें से सिर्फ आठ सीटें ही कांग्रेस को देने को तैयार है. इनमें बनारस और लखनऊ जैसी लोकसभा सीटें भी शामिल हैं जहां कांग्रेस के लिए बीजेपी के खिलाफ जीतना बेहद मुश्किल है.

 

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच तालमेल नहीं बन पाया. अब यह तय माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर खींचतान होगी.

 

बंगाल में टीएमसी की हालत से कांग्रेस परेशान

 

बिहार की तरह पश्चिम बंगाल में भी सीटों का मामला उलझा हुआ है. दरअसल, टीएमसी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देना चाहती है. राज्य में 42 लोकसभा सीटें हैं और कांग्रेस की नजर 6 से 8 लोकसभा सीटों पर है लेकिन टीएमसी नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है. टीएमसी नेताओं का तर्क है कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति मजबूत नहीं है और इसलिए उसे दो से ज्यादा सीटें नहीं दी जा सकतीं. इस संबंध में टीएमसी ने कांग्रेस नेतृत्व को भी जानकारी दे दी है.

 

पंजाब और दिल्ली में AAP से रस्साकशी

 

पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर काफी खींचतान चल रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पंजाब में एक रैली के दौरान राज्य के मतदाताओं से राज्य की सभी 13 सीटें जीतने की अपील की थी। उनके इस बयान से साफ हो गया कि आम आदमी पार्टी राज्य में कांग्रेस को एक भी सीट देने को तैयार नहीं है. इस रैली में केजरीवाल ने बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला था.

 

उधर, कांग्रेस की राज्य इकाई भी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की वकालत कर रही है. हालांकि, इस संबंध में अंतिम फैसला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेना है. पंजाब की तरह दिल्ली में भी लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच खींचतान चल रही है. ऐसे में पंजाब और दिल्ली दोनों राज्यों में सीट बंटवारे का मामला काफी पेचीदा हो गया है. सहयोगी दलों के बढ़ते दबाव के कारण कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.

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